by Verma Ashish | Oct 29, 2018 | Ayurveda
दिनचर्या शब्द का अर्थ है – आहार विहार तथा आचरण विधि. दिनचर्या में ही रात्रिचर्या और ऋतुचर्या भी समाहित हैं. आयुर्वेद सबसे पहले ये बताता है की स्वास्थ लोग अपने स्वास्थ्य की किस प्रकार रक्षा करें. इसमें वर्णित निर्देशों के पालन करने से आप का जीवन स्वास्थ और सुखमय...
by Verma Ashish | Oct 14, 2018 | Ayurveda
काल अर्थात समय या मौसम, अर्थ – जिसे ज्ञानेन्द्रियों द्वारा ग्रहण किया जा सकता है और कर्म – मन, वाणी और शारीर की प्रवृति या चेष्टा – इन तीनो के हीन योग, अति योग और मिथ्या योग से ही रोगों की उत्पत्ति होती है. इन तीनो का सम्यक योग स्वास्थ रहने का कारण...
by Verma Ashish | Oct 7, 2018 | Ayurveda
आयुर्वेद शास्त्र में तीन ही दोष माने जाते हैं – वातपित्त तथाकफ पृथ्वी, जल, तेज, वायु और आकाश – इन पांच महाभूतों से हमारा ये शारीर बना है और इसके अलावा छटी धातु चेतना (चेतना का आधार मन सहित आत्मा) कहा गया है. यही चिकित्सकीय पुरुष है. पंचमहाभूतों में आकाश...
by Verma Ashish | Oct 3, 2018 | Uncategorized
राग आदि रोग मानव के पीछे लगे रहते हैं. ये पुरे शारीर में फैले रहते हैं और उत्सुकता, मोह और बेचैनी उत्पन्न करते हैं. राग, द्वेष, क्रोध, लोभ आदि को मानसिक रोग कहा गया है. मानसिक रोगों में मन का आधार देह है, इसलिए ये मन के साथ-साथ देह को भी पीड़ित करते हैं. जिन पुरुष और...
by Verma Ashish | Apr 4, 2018 | Ayurveda
As per the ancient Indian system of medicine – The Ayurveda, our body is a balance of three doshas, namely – vata, pitta and kapha. If these doshas go out of balance, the disease arrives. When the vata goes out of balance, you get over 80 diseases. When...