अमृता या गिलोय के फायदे

अमृता या गिलोय के फायदे

अमृता या गिलोय को अन्य बहुत से नामों से जाना जाता है जैसे – मधुपर्णी, गुडुची या रसायनी। जैसा इसका नाम है वैसे ही गुण हैं अमृता के – यह अमृत के समान ही शरीर को लाभ पहुँचाती है। अमृता या गिलोय लघु, स्निग्ध, कटु रस वाली और उष्ण वीर्य औषधि है। आयुर्वेद में तीन...
शिलाजीत है सभी बीमारियों में लाभदायक

शिलाजीत है सभी बीमारियों में लाभदायक

जी हॉं आयुर्वेद में शिलाजीत को सर्व व्याधि विनाशनम् कहा गया है। जितने भी साध्य रोग हैं जिन्हें ठीक किया जा सकता है उन सब में शिलाजीत उपयोगी हो सकता है। आम धारणा है कि शिलाजीत का प्रयोग केवल सैक्स संबंधित रोगों में ही होता है, पर यह धारणा सही नहीं है। शिलाजीत हिमालय की...
अश्वगंधा के गुण और लाभ

अश्वगंधा के गुण और लाभ

अश्वगंधा का मतलब है – घोड़े जैसी गंध हो जिसकी। नाम में ही घोड़ा है और काम भी वैसा ही है। आयुर्वेद में वर्णित एक कमाल की औषधि है अश्वगंधा। इस लेख में आज विस्तार से जानते हैं अश्वगंधा के बारे में। अश्वगंधा लघु है, उष्ण वीर्य है, स्निग्ध है और मधुर रस वाली औषधि है।...
नाेनी के फायदे

नाेनी के फायदे

नोनी एक सदाबहार कम ऊँचाई वाला पेड़ होता है। यह मुख्य रूप से दक्षिण पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, पेसिफिक द्वीप समूहों और भारत में पाया जाता है। नोनी का प्रयोग कपड़ों के लिए लाल और पीला रंग बनाने के लिए किया जाता रहा है। नोनी का प्रयोग दवाई के रूप में भी किया जाता रहा है।...
How I Controlled My Blood Sugar Levels

How I Controlled My Blood Sugar Levels

When I came to know that I have very high blood sugar level was a time when I was into heavy exercising. I used to lift heavy weights and exercise almost 1-2 hours 4-6 times a week. My diet was heavy too. I used to eat a lot. Lots of protein, carbs and fats like desi...
क्या आप अपनी इम्युनिटी बढ़ाना चाहते हैं?

क्या आप अपनी इम्युनिटी बढ़ाना चाहते हैं?

संक्रमण काल है. करोना का प्रकोप है दुनिया भर में. अभी तक कोई दवाई या वैक्सीन नहीं है करोना के संक्रमण से बचाव के लिए. लॉकडाउन है. सरकारें, दुनिया भर में यही कह रही हैं – बचाव और इम्युनिटी को बनाये रखने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. अपनी इम्युनिटी को बढ़ाएं, और...
आयुर्वेद में मूत्रवर्ग का वर्णन

आयुर्वेद में मूत्रवर्ग का वर्णन

आठ प्रकार के मूत्र चिकित्सा में उपयोगी होते हैं – गायबकरी भेडीमहिषीहाथीघोडाउंटतथा गधा सामान्यतः सभी प्रकार के मूत्र पित्तकारक, रुक्ष, तीक्ष्ण, उष्ण, लवणरसयुक्त तथा कटुरसयुक्त होते हैं. ये कृमी, शोथ, उदररोग, आनाह (अफरा), शूल, पांडू रोग, कफविकार, वातविकार, गुल्म,...
आयुर्वेद में मद्य का वर्णन

आयुर्वेद में मद्य का वर्णन

विधि पूर्वक सेवन करने पर प्राय: सभी प्रकार के मद्य जठर अग्नि को बढ़ाते हैं. भोजन के प्रति रूचि को बढ़ाते है और तीक्ष्ण और उष्ण होते हैं. मात्रा अनुकूल सेवन करने पर मद्य तुष्टि (संतोष) और शारीरिक पुष्टि प्रदान करते हैं. सामान्य मद्य मधुर, कटु और तिक्त रस वाला होता है....

तिलोद्भ्वम तैलम

तेल शब्द की उत्पत्ति तिल से हुई है इसलिए तेलों में तिल के तेल को मुख्य माना गया है. सभी तेल अपने अपने उत्पत्ति कारकों के समान गुणधर्मो वाले होते हैं. तिल का तेल तीक्ष्ण, व्यवाई अर्थात शीघ्र फैलने वाला, त्वग्दोषनाशक, नेत्रों के लिए हानिकारक, सूक्ष्म तथा उष्ण होता है....

आयुर्वेद में मधु अथवा शहद के गुण

मधु अथवा शहद नेत्र रोगों के लिए उत्तम माना गया है. शहद लेखन है अर्थात साफ़-सफाई का कार्य करता है खुरच कर. इसलिए ये कफ को बाहर निकालने में मदद करता है. ये गले के लिए भी उत्तम माना गया है. जिन लोगों को अधिक बोलने की आवश्यकता होती है उनके लिए हितकर है. ये स्वर को मधुर...