जब भी हमें लगता है कि हमें वजन कम करना चाहिए तो सबसे पहले दिमाग में यही आता है कि खाना छोड़ना पड़ेगा। खाना छोड़ने से वजन तो कम होता है लेकिन साथ में शरीर में कमजोरी आने लगती है। वाइटल न्यूट्रिएंट्स की कम होने लगती है और एक प्रॉब्लम को ठीक करने के चक्कर में और कई प्रॉब्लम्स आ जाती हैं। वजन तो कम हो जाता है पर और बीमारियां हमें घेर लेती हैं।
वजन कम करने के लिए खाना छोड़ना ठीक नहीं है। बल्कि अपने खाने को मॉडीफाई करके हम वजन भी कम कर सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन भी जी सकते हैं। वजन का बढ़ना एक लाइफस्टाइल डिसऑडर है और इसके लिए जरूरी है कि हम अपने लाइफस्टाइल को ठीक करें।
सबसे पहले हमें अपने खान-पान को ठीक करना होगा। अगर आप नीचे लिखे छह फूड आइटम्स को अपने दैनिक भोजन से निकाल दें तो बिना अधिक प्रयास के भी आपका वजन कम होने लगेगा!
सफेद चीनी
सफेद चीनी या वाइट शुगर जो हम रोजाना इस्तेमाल करते हैं, हमारे शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक खाद्य पदार्थ है। चीनी खाने का कोई भी फायदा नहीं है। इसमें मिठास के अलावा कोई भी पोषक तत्व नहीं है। इसे एम्पटी कैलोरी भी कहा जाता है। इसका मतलब है कि चीनी आपको कैलोरी तो देती है पर इसमें कोई न्यूट्रीशन नहीं है।
चीनी खाने से शरीर में गैस, एसीडिटी बढ़ती है और भोजन ठीक से पचता नहीं है। जब भोजन ठीक से नहीं पचता तो टॉक्सीन्स रिलीज करता है और मोटापा समेत बहुत सी बीमारियां हमें सताने लगती हैं।
चीनी छोड़ने मात्र से शरीर में बहुत से सकारात्मक परिवर्तन होने लगते है। ये एक स्टेप आपको वेट लॉस गोल्स को अचीव करने में बहुत मदद करेगा। चीनी के विकल्प में आप गुड़ या शक्कर इस्तेमाल कर सकते हैं, पर ज्यादा नहीं। शहद भी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। शहद को गरम नहीं करना चाहिए, इससे शहद के गुण खत्म हो जाते हैं।
चीनी की मिठास कम होने से जीवन में मिठास आ जाएगी, आज से ही चीनी छोड़ दें!
मैदा
मैदा गेहूँ से बनाया जाता है। मैदा बनाने की विधि में इसे अत्यधिक रिफाइन किया जाता है और इसकी वजह से इसमें फाइबर समेत बहुत से पोषक तत्व कम हो जाते हैं। मैदा हाथों में, दांतों में और आंतों में चिपकता है। इससे कब्ज हो जाती है। मैदा खाने से गैस बनती है, एसीडिटी हो जाती है। शुगर लेवल बढ़ जाते हैं। खाना ठीक से नहीं पचता और शरीर को बीमार करता है।
अगर वजन कम करना है तो मैदा और मैदे से बने फूड आज ही बंद कर दें। बिसकिट, केक, गुलाब जामुन, ब्रेड और अन्य बेकरी आइटम्स – मैदा को कहें – ना! कोई विज्ञापन कितना ही कहे कि लाइट है, कम कैलोरी वाला है, विटामिन आदि से भरपूर है – सब झूठ है।
पैकेज्ड फूड
एक भोजन भगवान बनाते हैं – खेतों में शुद्ध हवा, पानी और गुनगुनी धूप से। धरती से उसमें पोषक तत्व आते हैं। ये उत्तम भोजन है। सस्ता है और अच्छा है।
एक भोजन हमारी रसोई में बनता है। इसे इंसान बनाते हैं। इंसानों के लिए अच्छा है।
एक भोजन फैक्टरियों में बनता है। इसका मुख्य उद्देश्य मुनाफा कमाना होता है। इसमें मुख्यतः चीनी, नमक और नाना प्रकार के प्रिजरवेटिव्स इस्तेमाल किए जाते हैं। मैदा का भरपूर प्रयोग होता है। सस्ते और हानिकारक रिफाइंड तेलों को प्रयोग में लाया जाता है। फिर एडवर्टाइजमेंट के जरिए हमारे दिमाग में ये बिठाया जाता है कि जो ईश्वर ने बनाया वो ठीक नहीं। उसमें विटामिन्स और मिनरल्स नहीं हैं।
हमें भगवान से ज्यादा इन वैज्ञानिकों पर भरोसा है। विज्ञान का जमाना है।
पर यकीन करें कि ये भोजन हमें बीमार, और अधिक बीमार बना रहा है।
मोटापे से छुटकारा पाना है तो ये पैकेट वाला खाना छोड़ दो। आगे आप की मर्जी!
तला भुना खाना
तला-भुना भोजन हाई कैलोरी होता है और पचने में भारी होता है। घर पर वन्स इन ए वाइल तो ठीक है पर रोज तला-भुना खाना और वो भी बाहर का, बिलकुल ठीक नहीं है। बाहर जो घी तेल प्रयोग होता है वो दुकानदार के मुनाफे की भेंट चढ़ जाता है। लागत कम और स्वाद ज्यादा के मंत्र पर बने छोले-भटूरे, समोसे, टिक्की आदि का लालच छोड़ दें।
या फिर वजन कम करने का सपना देखना बंद कर दें।
सफेद चावल और गेहूँ की रोटी
सफेद चावल और गेहूँ का प्रयोग आवश्यकता से अधिक होने लगा है और यही समस्या की जड़ है।
अपने भोजन में वैराइटी लाएं। अन्य अनाज जैसे मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ और चना आदि का भी प्रयोग करना शुरू करें। इससे भी शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलेंगे और आपका वजन कम होने लगेगा।
हाई कैलोरी फूड
केक, पेस्ट्री, आइसक्रीम, बिस्किट, सोडा, कोला, एनर्जी ड्रिंक, एनर्जी बार और अन्य सभी ऐसी खाने पीने की चीजों को अपनी लिस्ट से निकाल दें। इन सब खाने की चीजों से केवल कैलोरीज ही पाइलअप होती हैं। इनमें कोई भी न्यूट्रीशन नहीं होता।
शरीर को फायदा तो कोई नहीं होता, नुकसान भरपूर होता है!
तो क्या करें?
- विज्ञापनों और झूठे वादों पर भरोसा न करें। अपने शरीर की आवाज सुनें। ध्यान दें कि क्या खा कर आपका शरीर अच्छा महसूस करता है।
- अपनी दिनचर्या को ठीक करें। भोजन को नियमित करें। व्यायाम करें।
- भोजन में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाएं।
- आयुर्वेद को अपनाएं क्योंकि आयुर्वेद प्रकृति के अनुसार बैलेंस बनाने पर बल देता है।
- आयुर्वेद के अनुसार अधिकतर रोगों का कारण और मोटापे का भी मुख्य कारण अग्नि का मंद होना है। स्लो मैटाबॉलिज्म। मतलब जो आप खाते हैं शरीर उसे ठीक से पचा नहीं पाता है।
- एक बार में ढेर सारा भोजन न करें। आधा पेट भोजन, चौथई पेट पानी और चौथई पेट खाली! मिक्सर के जार को भी तो पूरा नहीं भरते क्योंकि फिर ठीक से पिसेगा नहीं।
स्वस्थ रहें! जान है तो जहान है!
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