by Verma Ashish | Dec 14, 2020 | Ayurveda, Health and Fitness
जी हॉं आयुर्वेद में शिलाजीत को सर्व व्याधि विनाशनम् कहा गया है। जितने भी साध्य रोग हैं जिन्हें ठीक किया जा सकता है उन सब में शिलाजीत उपयोगी हो सकता है। आम धारणा है कि शिलाजीत का प्रयोग केवल सैक्स संबंधित रोगों में ही होता है, पर यह धारणा सही नहीं है। शिलाजीत हिमालय की...
by Verma Ashish | Dec 12, 2020 | Ayurveda, Health and Fitness
अश्वगंधा का मतलब है – घोड़े जैसी गंध हो जिसकी। नाम में ही घोड़ा है और काम भी वैसा ही है। आयुर्वेद में वर्णित एक कमाल की औषधि है अश्वगंधा। इस लेख में आज विस्तार से जानते हैं अश्वगंधा के बारे में। अश्वगंधा लघु है, उष्ण वीर्य है, स्निग्ध है और मधुर रस वाली औषधि है।...
by Verma Ashish | Dec 11, 2020 | Ayurveda, Health and Fitness
नोनी एक सदाबहार कम ऊँचाई वाला पेड़ होता है। यह मुख्य रूप से दक्षिण पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, पेसिफिक द्वीप समूहों और भारत में पाया जाता है। नोनी का प्रयोग कपड़ों के लिए लाल और पीला रंग बनाने के लिए किया जाता रहा है। नोनी का प्रयोग दवाई के रूप में भी किया जाता रहा है।...
by Verma Ashish | Jul 19, 2019 | Ayurveda
द्रव शब्द अनेक अर्थों का वाचक है जैसे – घोड़े की तरह दौड़ना, चूना, रिसना, गीला, टपकना इत्यादि. प्राचीन भारतीय विद्वानों के मतानुसार जल तत्व की उत्पत्ति अग्नि तत्व से हुई है. वे जल को आप कहते हैं – जिसका अर्थ है – सर्वत्र व्याप्त. जल तथा बर्फ से भी भाप...
by Verma Ashish | Apr 24, 2019 | Ayurveda
वात, पित्त और कफ आदि दोषों का और पुरीष आदि शारीरिक मलों का अगर समय पर शोधन न किया जाय तो वे अधिक कुपित होकर शारीर का विनाश भी कर सकते हैं. उपचारों के द्वारा शांत किये गए दोष पुनः कुपित हो सकते हैं, पर जिन दोषों को वमन, विरेचन आदि संशोधन क्रियाओं के द्वारा शुद्ध किया...
by Verma Ashish | Dec 25, 2018 | Ayurveda
रोगानुत्पादनिय अष्टांगहृदयं का चौथा अध्याय है. इसका अर्थ है रोगों की उत्पत्ति की रोकथाम. वो प्रयास जिसके कारण रोगों से बचा जा सके. आयुर्वेद में स्वास्थ्य की रक्षा को सर्वप्रथम महत्वपूर्ण माना गया है. अगर आप आहार-विहार आदि दिनचर्या और ऋतुचर्या का ध्यान रखें तो रोगों से...