अश्वगंधा पाक बनाने की विधि

अश्वगंधा पाक बनाने के लिए 480 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण लें और उसे 6 किलो गाय के दूध में गाढ़ा होने तक पकाएं। जब गाढ़ा हो जाए तो इसमें चतुर्जात (दालचीनी, तेजपात, नागकेशर और इलायची), 12 ग्राम प्रत्येक

जायफल, केशर, वंशलोचन, मोचरस, जटामांसी, चंदन, खैरसार, जावित्री, पीपलामूल, लौंग, कंकोल, पाढ़, अखरोट की गिरी, भिलावा की मींगी, सिंघाड़ा, गोखरू, रस सिंदूर, अभ्रक भस्म, नाग भस्म, वंग भस्म, लौह भस्म प्रत्येक 7 ग्राम

इन सब औषधियों का महीन चूर्ण कर, सब को एक साथ मिला कर चीनी की चाशनी में मिला कर पाक विधि से तैयार कर सुरक्षित रख लें।

मात्रा और अनुपान

एक से दो चम्मच सुबह शाम शहद या गाय के दूध या गुनगुने पानी के साथ लें।

गुण और उपयोग

प्रमेह रोग में लाभकारी

मूत्र की वृद्धि होती है

शरीर की कांति अच्छी होती है

पौष्टिक, बलवर्धक और अग्नि को प्रदीप्त करता है

वात पित्त प्रधान रोगों में विशेष प्रयोग

शुक्र विकार – धातु की कमजोरी, स्वप्न दोष, पेशाब के साथ धातु का जाना आदि विकारों में प्रयोग करें

पौरुष शक्ति को बढ़ाता है

मर्दाना ताकत को बढ़ाता है

वात के कारण शरीर में होने वाले दर्द में लाभ करता है

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