आयुर्वेद में एलोवेरा को घीकुऑंर, कुमारी, कन्या, गृह कन्या और धृतकुमारिका के नामों से भी जाना जाता है। हिन्दी में इसे ग्वार पाठा भी कहा जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार एलोवेरा मल को भेदन करने वाली, शीतल, तिक्त तथा मधुर रस युक्त, नेत्रों के लिए हितकर, रसायन, बृंहण, बलकारक, वृष्य एवं वात, विष गुल्म, प्लीहा, यकृत् की वृद्धि, कफ ज्वर, ग्रन्थि, अग्निदग्ध (आग से जल जाना) विरूफोटक, पित्त, रक्त विकार और चर्म रोग को नाश करने वाली होती है।

एलोवेरा में विटामिन्स, मिनरल्स, एमीनो एसिड्स, एन्जाइम आदि 70 से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। एलोवेरा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।

एलोवेरा को आप अपने घर में लगा सकते हैं ओर प्रयोग कर सकते हैं। एलोवेरा गुणों की खान है और ये वात, पित्त और कफ – तीनों दोशों को ठीक करती है। एलोवेरा के प्रयोग से आप नीरोग जीवन जी सकते हैं।

एलोवेरा खून की कमी को दूर करती है

एलोवेरा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। अगर आप जल्दी बीमार पड़ते हैं और जब भी मौसम बदलता है तो आपको जुकाम आदि कि समस्या आदि हो जाती है तो एलोवेरा के नियमित प्रयोग से आप इस से निजात पा सकते हैं।

  • शरीर को अंदर से साफ या डीटोक्सीफाई करती है एलोवेरा।
  • त्वचा के लिए ये विशेष फायदा करती है। चेहरे पर कील मुहासे आदि से छुटकारा दिलाती है एलोवेरा।
  • बालों के झड़ने को भी रोकती है एलोवेरा।
  • हृदय सम्बंधित रोगों में भी लाभप्रद है एलोवेरा।
  • शुगर या मधुमेह में भी लाभ करती है।
  • एलोवेरा वजन घटाने में भी सहायक है।
  • शरीर में सूजन कम करती है।
  • घावों को भरने में मदद करती है।
  • शरीर के स्रोतों की रुकावट को दूर करती है।
  • दीपन ओर पाचन है – भूख को बढ़ाती है, भोजन को पचाने में मदद करती है, गैस एसिडिटी आदि में भी लाभ करती है एलोवेरा।
  • पोषक है, बल वर्धक है, रसायन है ओर वृष्य है।
  • जोड़ों के दर्द में भी एलोवेरा लाभ करती है।
  • यकृत या लीवर के लिये भी लाभकारी है तथा इसका प्रयोग पीलिया में भी होता है।
  • एलोवेरा आंखों के लिये भी गुणकारी है।
  • स्त्री रोगों में – श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर आदि में भी एलोवेरा फायदा करती है।

एलोवेरा जूस का प्रयोग आप 2-4 चम्मच दिन में दो बार खाली पेट कर सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को इसका प्रयोग नहीं करना चाहिये और वे महिलाएं जो स्तन पान या बच्चों को दूध पिला रही है, उन्हें भी एलोवेरा का प्रयोग नहीं करना चाहिये। नियमित मात्रा में एलोवेरा का प्रयोग लम्बे समय तक किया जा सकता है। अधिक मात्रा में इससे नुकसान भी हो सकता है जैसे दस्त आदि या पेट में मरोड़ आदि।

अगर आप किसी रोग विशेष से पीड़ित हैं तो किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

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